मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बनाया इतिहास
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ऐसा कार्य किया जो स्वर्णिम इतिहास बनाया गया। आध्यात्म मंत्रालय का गठन करके उन्होंने भारत के पुरातन गौरव का संरक्षण करने का गंभीर टपक्रम किया। साढ़े बीन दशक पहले लोकसभा में आध्यात्म मंत्रालय के गठन की भावना प्रस्फुटित हुई लेकिन इसे मूर्तरूप नहीं दिया गया। वास्तव में आजादी... के बाद ही इस विभाग का गठन भारत सरकार को करना था पर ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमत्री कमलनाथ की पहल का अनुसरण भारत सरकार के साथ-साथ देश के सभी राज्यों को करना चाहिए। सतयुग, त्रेता और द्वापर में भारत की सनातन संस्कृति की प्रखर चेतना परे पृ-मंडल पर आभायमान थी। कलियग प्रारंभ होने के डेढ- दो हजार वर्षों तक सनातन धर्म और सनातन संस्कृति का वर्चस्व था। भारत की ख्याति भूमंडल पर समृद्ध राष्ट्र के रूप में थी। भारत अपनी उदात्त ज्ञान परंपरा के कारण जगद् गुरू के रूप में प्रतिष्ठित था। समृद्धि के कारण इसे सोने की चिडिया का विशेषण मिला था। .. भूमंडल पर भारत की ख्याति ऋषि परंपरा, राजधर्म और आर्थिक प्रकाश से पूरे भूमंडल को आलोकित किया। शाश्वत ज्ञान के भंडार वेद, उपनिषद, रामायण और महाभारत इन्ही की देन हैं। भारत को प्राचीन काल में आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता था। आर्य यहां के मूल निवासी थे और उन्हें विश्व की सनातन स्थापना का ज्ञान था। वे पुरूषार्थी और तत्वज्ञानी थे। पुरातन भारत में राजधर्म की उज्जवल परंपरा थी। सूर्यवंश में अनेक ऐसे राजा हुए जिन्होंने राज धर्म का पालन करते हुए इस सस दीपा वसुंधरा पर शासन किया। मर्यादापुरूषोत्तम भगवान राम इसी वंश परंपरा में ऐसे राजा हुए जिनका राम राज शासन का आदर्श माना जाता है। कमलनाथ धर्म भीरू हैं। इनका लालनकमलनाथ धर्म भीरू हैं। इनका लालनपालन ऐसे परिवार में हुआ जहां सनातन धर्म का पीढ़ियों से समादार रहा। कमल नाथ जी कहते हैं कि दुनिया में भारत की जो हजारों साल पुरानी पहचान है वह आर्थिक शक्ति से नहीं, बल्कि के मानते है कि नई पीढ़ी को आध्यात्म से.. सनातन जोड़ कर रखना पड़ेगा। इससे हमारी आध्यात्मिक शक्ति, सभ्यता और की संस्कृति की मजबूती बनी रहेगी। द्वापर में महा प्राज्ञ भीष्म पितामाह ने पढ़ाने कहा था कि जो जाति अपना इतिहास भूल जाती है उसका पतन हो जाता है। काल के थपेड़ों में भारत की सनातन संस्कृति आहत है। पश्चिम के एक , किया विद्वान ने कहा कि भारत की सभ्यता घायल है आक्रांत हुई है। पूरी वसुधा को कुटुम्ब मानने की परंपरा सनातन धर्म में रही है। सर्वधर्म समभाव का संदेश भारत की सभ्यता से उद्भुत है। कमलनाथ जी आपने आध्यात्म मंत्रालय का गठन किया इसकी प्रसंशा शब्दों से संभव नहीं है। अध्यात्म ज्ञान की मूल्यवान पूंजी भारत के लिए गौरव की बात है। भारत भूमि में महाभारत का युद्ध हुआ जिसके साक्षी स्वयं भगवान कृष्ण रहे। यह ' घटना कोई पांच-छह हजार साल पुरानी है। वेद, रामायण और महाभारत में पुरातन भारत के इतिहास का वर्णन है। विभिन्न काल खंडों में भगवान विष्णु हुए। सृष्टि संत से पूर्व का इतिहास भी वेदों में और ..... में है। मत्स्य अवतान सष्टि संवत के ठीक पूर्व का वर्णन है। विभिन्न काल खंडों में भगवान विष्णु अवतान हुए। सृष्टि संत से पूर्व का इतिहास भी वेदों में और ..... सनातन धर्म के ग्रंथों में है। मत्स्य अवतान सष्टि संवत के ठीक पूर्व निर्माणघटना है। शिक्षण संस्थानों में सृष्टि संवत के बाद का इतिहास पढ़ाने की व्यवस्था हो और इस दिशा में समुचित शोध हो जिससे ... भारत के परम पुरातन इतिहास का ज्ञान भावी पीढ़ियों को हो सके। आपकी सरकार ने आध्यत्म की अलख जगाने के लिए कार्य शुरू किया है यह अनुकरणीय है। राज्य सरकार ने मठ-मदिर सलाहाकार सामात का गठन किया । : गया है। नर्मदा ट्रस्ट बनाया और अब ताप्ती ट्रस्ट का भी गठन कियाजा रहा है। संत-पुजारियों का मानदेय तीन गुना बढ़ाया गया। महाकाल मंदिर परिसर का तीन सौ करोड़ से विकास किया जा रहा है। एक हजार शासकीय गौ-शालाएं बनाई जा रही है। नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर नौ धर्मशालाओं का 26 लाख से निर्माण किया जाएगा। नर्मदा परिक्रमा मार्ग को सुगम बनाया जाएगा। रामपथ बनगमन निर्माण योजना तैयार है। प्रदेश के बड़े मंदिरों के जिर्णोद्धार के लिए 2 करोड़ 45 लाख १ हजार रूपए मंजूर। धार्मिक महत्व के मेलों के लिए 1 करोड़ 34 लाख 70 हजार रुपए मेला आयोजन समितियों को दिए गए है। भिलसा वाली माता ग्वालियर, सूर्च नारायण एवं बड़े हुमान मंदिर जबलपुर, कुण्डेश्वर अनुमान मंदिर उज्जैन, नर्मदा उद्गम मंदिर . अमरकंटक, बाण गंगा मंदिर शिवपुरी और दतिया के मंदिर समूह के ' निर्माण, मरम्मत रख-रखाव की योजना बनाई गई। सरकार के लिए यह श्रेयस्कर होगा कि धर्म शास्त्र के इतिहास और पुरातन घटनाओं पर शोध करके आने वाली पीढ़ियों को उससे ज्ञान संपत्र बनाया जाए।